शुक्रवार, 2 मई 2014

नागपुरी कविता - मोके मरेक है मोरेक कर वजह तो दे देवा मोके अशोक "प्रवृद्ध"

नागपुरी कविता - मोके मरेक है मोरेक कर वजह तो दे देवा मोके 
अशोक "प्रवृद्ध"

मोके मरेक है मोरेक कर वजह तो दे देवा मोके 
मोके जियेक नखे !
ई जिन्दगी कन्दुवाय देलक मोके 
हियाँ सब बेरा परीक्षा देवेक पड़ेल
हियाँ सब बेरा सम्भईल के चलेक पड़ेल 
हियाँ केऊ नखयं जे दर्द बाईंट सकेन
हियाँ सुसुईक - सुसुईक के जियेक पड़ेल 
हियाँ सब डगर पर धोखा आऊर फरेब है
हियाँ आपने मन लूटेक ले आऊर लूटेक खातिर तैयार रहेन
हियाँ बद से बदतर जिन्दगी होय चुईक हे सब कर
हियाँ बस ईसने नकाब लगाय के मुंह छुपायेक पड़ेल
हियाँ कब हत्या होय जई सब कर
ई बात से खुद के बचायेक पड़ेल
ई जिन्दगी से मौत बेस 'प्रवृद्ध"
जहां बस ऊ भगवान कर घर जायेक पड़ेल