नागपुरी कविता -आम आदमी कर मुखौटा लगायके , भारतीय जनता आऊर मोदी के निशाना न बनावl
अशोक "प्रवृद्ध"
तनी जुबूड़ बात कर ईसन तमाशा ना बनाव ,
सत्ता कर इय्याईद में , ईसन लोर के पोखरा ना बनाव l
मानथों कि गम बहुत है , कुर्सी कर छूटेक कर तोके
लेकिन भ्रष्टाचार से लड़ेक कर , ईके बहाना ना बनाव l
ई सच है कि तोर सवाल (बात) के तवज्जो नी मिललक कहूँ ,
लेकिन खिसियाहट में क़ानून कर मजाक ना बनाव l
तोर सब इल्जाम आऊर आरोप सबके सम्हराय के राईखहों मोयं ,
बाहर बटे तोहमत आऊर घर में मिलेक कर बहाना ना बनाव l
शीला पर निशाना आऊर निगाह रहे दिल्ली शहर कर कुर्सी पर
लोकपाल कर बहाना से पद छोईड़ भाईगके आऊर बेवकूफ ना बनाव l
बिच डगर में छोईड़ रहीस साथ अन्ना हजारे कर तोयं सत्ता कर खातिर ,
आम आदमी कर मुखौटा लगायके , भारतीय जनता आऊर मोदी के निशाना न बनावl
अशोक "प्रवृद्ध"
तनी जुबूड़ बात कर ईसन तमाशा ना बनाव ,
सत्ता कर इय्याईद में , ईसन लोर के पोखरा ना बनाव l
मानथों कि गम बहुत है , कुर्सी कर छूटेक कर तोके
लेकिन भ्रष्टाचार से लड़ेक कर , ईके बहाना ना बनाव l
ई सच है कि तोर सवाल (बात) के तवज्जो नी मिललक कहूँ ,
लेकिन खिसियाहट में क़ानून कर मजाक ना बनाव l
तोर सब इल्जाम आऊर आरोप सबके सम्हराय के राईखहों मोयं ,
बाहर बटे तोहमत आऊर घर में मिलेक कर बहाना ना बनाव l
शीला पर निशाना आऊर निगाह रहे दिल्ली शहर कर कुर्सी पर
लोकपाल कर बहाना से पद छोईड़ भाईगके आऊर बेवकूफ ना बनाव l
बिच डगर में छोईड़ रहीस साथ अन्ना हजारे कर तोयं सत्ता कर खातिर ,
आम आदमी कर मुखौटा लगायके , भारतीय जनता आऊर मोदी के निशाना न बनावl
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