मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

चमच आऊर चमचई - अशोक "प्रवृद्ध"


चमच आऊर चमचई
-अशोक "प्रवृद्ध"

सबकर चमचा हियाँ

सब कुछ चमचईए में
जे कुछ होवेल हियाँ
चमचई बिना कुछ नहीं
होय सकेला हियाँ
लाईक भी नि मिली
कमेंट्स तो जाय देऊ
चमचई कर ग्रुप है
ग्रुप में रहब होले
चमचई करब होले
लाईक कर वर्षा होई
कमेंट्स भी करबयं
बड़ाई भी करबयं
ग्रुप नखे कोनो नखे
केऊ नहीं पूछबयं
चमचई करे वाला
तो जाय देऊ
लाईक करे वाला
भी नी मिलबयं
कमेंट्स कर तो
अकाले पईड़ जई
देखू जाईन लेऊ
चमचई कर बड़ा
महिमा हियाँ


चमच चमच करते रहू, करू चमचई दिन रात।
चमचई से बढके नहीं, दुसर कुछ करामात ।।









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