नागपुरी कविता - ढेईर दिन तक कहियो एके नीयर मौसम नी रहेला
अशोक "प्रवृद्ध"
दिल मन में दूरी बईढ जायेल , घर टूईट जायेल
हियाँ रिश्ता ग़लतफ़हमी में अक्सरहा टूईट जायेला !
टिकल होवेला सब कुछ आपसी विश्वास कर दम पर
जहां बुनियादे कमजोर होवेला , घर टूईट जायेला !
ढेईर दिन तक कहियो एके नीयर मौसम नी रहेला
बदलेला हुकूमत तो , सब लाव - लश्कर टूईट जायेला !
बगावत कईरके जब आपन केऊ दुश्मन से मिल जायेला
भले मजबूत होओक केतनो भी , बंकर टूईट जायेला !
चलाय ले तोयं एखन कानून आपन , चईल सकेला जब तक
लेकिन कानून कर जद में धुरंधर भी घर टूईट जायेला !!
अशोक "प्रवृद्ध"
दिल मन में दूरी बईढ जायेल , घर टूईट जायेल
हियाँ रिश्ता ग़लतफ़हमी में अक्सरहा टूईट जायेला !
टिकल होवेला सब कुछ आपसी विश्वास कर दम पर
जहां बुनियादे कमजोर होवेला , घर टूईट जायेला !
ढेईर दिन तक कहियो एके नीयर मौसम नी रहेला
बदलेला हुकूमत तो , सब लाव - लश्कर टूईट जायेला !
बगावत कईरके जब आपन केऊ दुश्मन से मिल जायेला
भले मजबूत होओक केतनो भी , बंकर टूईट जायेला !
चलाय ले तोयं एखन कानून आपन , चईल सकेला जब तक
लेकिन कानून कर जद में धुरंधर भी घर टूईट जायेला !!
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