नाग्पुरी गीत - नींद न परे राती एहो दैया,
नींद न परे राती एहो दैया, झुरत पलंग वैसी मने मन... घायल बिहरबान, थिर न रहत प्राण निसु दिने रे दैया दहत मदन तन छने-छन. सिहरी उठति छाती नींद न परे राती एहो दैया, झुरत पलंग वैसी मने मन... - घासीराम
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