शनिवार, 5 अक्तूबर 2013

झारखण्ड गीत :- राग-नागपुरी जनानी झुमईर

झारखण्ड गीत :- राग-नागपुरी जनानी झुमईर

धनी-धनी झारखंड, भारत हमरे.
जेकर सेना बानर-भालु, चर-अचरे,
गे साजैन जहां झरना झर , झर झरे….
लोहा अबरख, तांबा धरती भीतरे.
नदी-नाला-गाढा-ढोढा सोना हैं सगरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
कंद, आऊर मूल, फल पहार ऊपरे
केंद , कनवद श् बैर पियार पिठवैरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
जडी-बुटी दवाई बीरो जंगल, भीतरे.
गछ में रेशम, लाह मऊध ऊपरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
कटई-कोयनार-फुटकल जीरहुल कचनारे.
डुमईर पाकईर जामुन कठहर बढहरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
सखुआ दतुन, करू मडवा छपरे.
झांख-झुरी जलावन गरीब अमीरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
लम्बा-लम्बा गछ देखु बन आऊर पतरे.
छोटे-छोटे आम्बा फरे रस हैं भीतरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
बांस केरा हंढुवा संना अंचारे.
खुखडी भुं जल खाऊ रुगडा केर झोर,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
मडुआ-गोंदली गोडा टाईड टिकुरे.
माय लेगीन घांस देखु सगर हरियरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
रंग-बीरंग चंरंई-चूनगून, चेरे-बेरे करे.
हैरला गुंडरी तीतीर मुरगी मेंजुरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
कुंड से बारी पटे ईन्दरा पोखरे.
आलू-भाटा-कुबी-पालक बीलैंती मटरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
कय किसीम भाखा बोलयं गांव-नगरे.
खायं-खोटयं मेहीं मोट छीलका गोरगोरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
टीरी-टीपी गाय देखु चुके चुका गरे.
हिंदु आऊर मुसलमान किरीस्तान घरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
पपीता मिसडेगा केर गुमला केर चाऊरे.
पलामू केर घीव से धूप-दीप जरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
ओडीया ढकिया बने बने हरफारे.
जोतु खेत बुनू बीहीन चढत असारे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे ….
बरसाती आलु कोडू चढत कुवारे.
अलटीमेटम नैनीताल कुफरी चमत्कारे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
नींबू नारंगी केरा रोपहु अंगुरे.
अझो झाईर टमरस झबरल फरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
रेलगाडी मोटर छुटे बडे भीनसरे.
जनेमन तने जाऊ महिमानी करे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
पेठीया बजार लागे सवदा खातीरे,
नुन-तेल तीयन तमकु किनहु जरूरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
पानी से बीजली बने जरे घरे-घरे.
हटीया बोकारो टाटा लागत सुंदरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
रज्जरपा छीनमांथा मांय दामोदर कीनारे.
रकत के धार बहे कटत बकरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
नेतरहाटे दिवाकर चलु दरसन करे.
हापामुनी महांमाया पुजहु अवसरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
गिरजा, महजीद, मंदिर शोभत गुरूद्वारे.
मौलवी, पादरी, पंडीत गरंथी सबेरे
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
बीर बीरसा मुंडा ठाकुर जगरनाथपूरे.
भीखारी गणपईत राय शहीद परस्परे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
रांची हजारीबाग टाटा नगरे.
झारखंडक बाजा बाजे गह, गह करे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
सीधु – कान्हु बलीदानी रहैयं जोरगरे
संथाले संथाली शोभंय बाबा देवधरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
पंचपरगना सील्ली बुण्डु, चासाचासी करे.
नर-नारी मनोहारी छोह, नाचा सगरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
डेगे-डेगे परब आवे बरखा हंय घनघोरे.
जीतिया करम तीज बाजत मांदरे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
हिंदु आऊर मुसलमान, ईसाई-संवसारे.
झारखंडी भाई सभे शिक्ख, सरदारे.
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
नीज धरम-करम पर रहु ईमानदारे.
दादा-भईया नाता-गोता झारखंड सरकारे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
पोठी संगे जोंक पंऊरे रहु होशियारे.
झारू आपन गोड हांथ देखु चाईरो करे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….
कहत श्याम नाथ करत हंथजोरे.
बसंते जगावे कोईल कुहु-कुहु करे,
गे साजैन जहां झरना झर, झर झरे….

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें